• Skip to main content
  • Skip to secondary menu
  • Skip to primary sidebar

HindiPot

Stay Motivated

  • Home
  • सभी लेख
  • रोचक जानकारी
  • सुविचार
  • प्रेरक कहानियां
  • About Us
  • Disclaimer
  • Privacy Policy

Guru Nanak Dev Ji essay in Punjabi

November 24, 2019 By admin Leave a Comment

Guru Nanak Dev Ji essay in Punjabi

  • श्री गुरु नानक देव जी सिक्खों के पहले गुरु हुए थे । आपका जन्म 15 अप्रैल 1469 ई: में तलवण्डी साबो में हुआ था। आज कल यह स्थान पाकिस्तान में है।Guru Nanak Dev Ji essay in Punjabi
  • पिता जी का नाम महिता कालूराम था और माता का नाम तृप्ता देवी था। पिता कालूराम गांव के पटवारी थे। गुरु जी की बहन का नाम बेबे नानकी था।
  • गुरु नानक देव जी (Guru Nanak Dev Ji) की बचपन से ही ईश्वर में बड़ी श्रद्धा थी। उनका मन हमेशा भक्ति में ही लगा रहता था। पिता जी ने आपको कई शिक्षकों के पास भेजा पर आपका मन पढ़ाई में नहीं लगा।
  • पिता जी आपको भेंसे चराने के लिए भेजा करते थे परन्तु वहां भी आपका मन ईश्वर में ही लगा रहता था। ईश्वर में हर समय मग्न रहने के कारण अक्सर उन्हें अपने पिता जी की ताड़ना भी सहन करनी पड़ती थी।
  • एक बार आपके पिता जी ने आपको को 20 रूपए दिए और सौदा लाने के लिए कहा और जब गुरु नानक जी सौदा लाने के लिए जा रहे थे रास्ते में उन्हें कुछ भूखे साधु मिले और गुरु जी उन्हें देखकर बहुत दुखी हुए और उन्होंने 20 रु का भूखे साधुओं को भोजन करा दिया और इस सौदे को सच्चे सौधे के नाम से जाना जाने लगा ।
  • आपका विवाह मूलचंद जी की सपुत्री बीबी सुलखनी देवी से हुआ। उनके दो पुत्र बाबा श्री चंद जी और बाबा लखमी दास जी थे।

कथा  : गुरु नानक देव जी की डाकू को सीख   Guru Nanak Dev Ji Sakhi

  • इसके बाद आपको अपनी बहन नानकी के पास सुल्तानपुर भेज दिया गया। वहां गुरु नानक देव जी दौलत खां लोधी के मोदीखाने में नौकरी मिल गयी। वहां उन्हें सामान बेचने का काम मिला। नानक जी वहां बहुत से लोगों को बिना मूल्य ही सौदा दे दिया करते थे। एक बार किसी आदमी को आटा तोलकर दे रहे थे 12 तक तो गुरु जी का क्रम ठीक चलता रहा पर तेहरा पर पहुंचते ही तेरा -तेरा कहते -कहते सारा आटा उसे दे दिया। फिर इसकी शिकायत लोधी को कर दी गयी परन्तु हिसाब -किताब लगाने पर सब ठीक निकला।
  • इसके इलावा गुरु नानक देव जी (Guru Nanak Dev Ji) ने देश और विदेश की कई यात्राएं की इन यात्राओं में नानक देव जी ने भटके लोगों और संसार में फैले अंधविश्वास और अज्ञानता को दूर किया। गुरु जी ने मक्का मदीना , बगदाद और लंका जैसे कई देशों में धार्मिक उपचार के लिए गए।

यह भी पढ़ें  : गुरु नानक देव जी की शिक्षाएं

  • लगभग 25 वर्षों तक घूमने के बाद गुरु जी अंत करतारपुर में आकर रहने लगे।
  • गुरु जी ने अपनी गद्दी का बारिस गुरु अंगद देव जी को बनाया और अपने पुत्रों को गद्दी संभालने के आयोग समजा।
  • 7 सितम्बर 1539 ई: को आप ज्योति -ज्योत समा गए।
(Visited 22 times, 1 visits today)
Loading...

Filed Under: Hindi Essay Tagged With: Essay in Punjabi

Reader Interactions

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Primary Sidebar

Categories

  • 10 Line Essays (15)
  • Akbar Birbal Stories in Hindi (8)
  • Amazing Facts (124)
  • Best Hindi Status (24)
  • Best Shayari (3)
  • Biography (51)
  • Gk in Hindi (27)
  • Guru Sakhi (5)
  • Happy Lifestyle (20)
  • Health in Hindi (80)
  • Hindi Essay (92)
  • Hindi Love Tips (5)
  • Hindi Paheli (1)
  • Hindi Poem (69)
  • Hindi Quotes (123)
  • Hindi Stories (48)
  • History of India (84)
  • Moral Stories in Hindi (101)
  • Muhavare मुहावरे (2)
  • Nature Facts (17)
  • Others (13)
  • Panchatantra Stories in Hindi (38)
  • Poem on Mother in Hindi (2)
  • Punjabi Quotes in Hindi (3)
  • Recipe (2)
  • Self Improvement (18)
  • SERVICES (5)
  • Sikh Itihas (8)
  • Slogan in Hindi (3)
  • Social Issues (5)
  • Thoughts (2)
  • Top sites (1)
  • Uncategorized (13)
  • करोड़पति कैसे बनें (1)

Copyright © 2019